हमारा लक्ष्य

हमारा लक्ष्य निम्नलिखित को ध्यान में रखते हुए सीमाशुल्क और उत्पाद शुल्क द्वारा उठाए जाने वाले कदमों के सूत्रीकरण और कार्यान्वयन में उत्कृष्टता प्राप्त करना है:

·         एक निष्पक्ष, समान और कुशल तरीके से राजस्व वसूल करना।

·         सरकार की आर्थिक, टैरिफ और व्यापार नीतियों का प्रायोगिक और व्यावहारिक दृष्टिकोण के साथ प्रबंध।

·         सीमाशुल्क एवं उत्पाद शुल्क प्रक्रियाओं को व्यापार और उद्योग सुविधाओं के लिए सरल और कारगर बनाना और भारतीय कारोबार में प्रतियोगितात्मकता बढ़ाने के लिए सहायता करना।

·         स्वेच्छा से अनुपालन करने हेतु एक अच्छा वातावरण बनाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करना और आपसी भरोसा बढ़ाना।

·           राजस्व अपवंचन, वाणिज्यिक धोखाधड़ी और सामाजिक खतरे का प्रभावी ढंग से सामना करना।

हमारी वचनबद्धता

हम अपना कार्य निम्नलिखित तरीके से करेंगे:-

·         ईमानदारी और विवेकशीलता।

·         ईमानदारी और विवेकशीलता।

·         विनम्रता और समझदारी ।

·         निष्पक्षता और पारदर्शिता ।

·         तत्परता और दक्षता ।

·         हमारे ग्राहकों द्वारा स्वैच्छिक कर अनुपालन करने के लिए हम उन्हें प्रोत्साहित और मदद करेंगे।

हमारी योजना

हमारे उद्देश्य की पूर्ति के लिए हम निम्नलिखित का ध्यान रखेंगे:

·         सूचना तकनीकी के उपयोग को बढ़ाना ।

·         सीमाशुल्क एवं उत्पाद शुल्क प्रक्रियाओं को कारगर बनाना ।

·         स्वैच्छिक अनुपालन प्रोत्साहित करना ।

·         सहयोगी पहल विकसित करना ।

·         टैरिफ नीतियों को तैयार करने में सहायता करना ।

·         राजस्व अपवंचन, वाणिज्यिक धोखाधड़ी और सामाजिक खतरे का प्रभावी ढंग से सामना करना ।

·         वितरण सेवाए मानकों की अनुरूपता मापना।

·         व्यावसायिकता और ज़िम्मेदारी का विकास करना ।

 

 

सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग को बढ़ाना

1.           व्यापार के संचालन के लिए जिस तरह से सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग  दुनिया भर में  किया जा रहा है, उससे एक प्रकार की क्रांति गई है |  अधिक से अधिक आपरेशन ऑनलाइन किए जाने से समय कम लग रहा है और दुनिया कागज  हित संचालन की ओर खींची जा रही है | अतः ' इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज’ ( ईडीआई ) का उपयोग   व्यापार साझीदारों के अलावा   सरकारी एजेंसियां भी अपने  बीच इंटरफेस के साधन के रूप में​​ व्यापक रूप से  करती है |

2.           भारतीय सीमा शुल्क भी सूचना प्रौद्योगिकी  को अपनाकर वैश्विक मानकों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्द है ताकि सामान की आवाजाही के समय को कम करके, माल के प्रवाह को तेज करके, भारतीय व्यापार और उद्योग के लिए महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धा में बढ़त प्रदान की जा सके।

3.           ​​दिल्ली एयर कार्गो में पायलट ईडीआई परियोजना की सफलता को ध्यान मे रखते हुए, हम इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य को बढ़ावा देने और निम्नलिखित उपायों के माध्यम से माल की शीघ्र निकासी की सुविधा तलाश रहे हैं:

(क)    समुद्री बंदरगाहों , हवाई अड्डों , अंतर्देशीय कंटेनर डिपो , कंटेनर फ्रेट स्टेशन और देश की सीमा के स्टेशनों पर कम से कम कागजी कार्य और कम से कम मानवीय हस्तक्षेप द्वारा आयात और निर्यात प्रविष्टियों और कार्गो घोषणाओं का स्वचालित प्रसंस्करण।

(ख)    ईडीआई को व्यापार के साथ सक्षम करके  शिपिंग लाइनों , एयरलाइंस , वाहक, सीमा शुल्क एजेंटों , संरक्षक और अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ माल निकासी और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सुगम बनाना।

        (ग)    सीमा शुल्क इलेक्ट्रॉनिक को बुनियादी सुविधाओं मुहैया कराकर व्यापार भागीदारों को आवश्यक जानकारी प्राप्त करने के लिए सक्षम बनाना ताकि अनुपालन सुनिश्चत हो सके।

        (घ)    अन्य सभी सीमा शुल्क  संचालन और प्रबंधन की गतिविधियों का कंप्यूटरीकरण करके हमारे ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना और उनके प्रदर्शन को बढ़ाना

4.         सी तरह  हम अपने उत्पाद शुल्क आपरेशन में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय करते है:

                   क.   उत्पाद शुल्क मूल्यांकन विवरणी  की प्राप्ति एवं प्रोसेसिंग इलेक्ट्रॉनिक रूप में  ईडीआई , इंटरनेट और अन्य साधनों के माध्यम से करना।

                   .  करदाता को इलेक्ट्रॉनिक रूप से कम्प्यूटरीकृत रिकॉर्ड रखने के लिए सक्षम बनाना। कंप्यूटर जनित चालान जारी करना तथा इलेक्ट्रॉनिक विवरणी दाखिल करने के लिए करदाता को सक्षम बनाना

                         ग.   मूल्यांकन और लेखा परीक्षा कार्य की सहायता के लिए एक स्वचालित ' रिटर्न ' संसाधन प्रणाली रखना।

                    .   निर्धारित की प्रोफाईल, पोलिसी मेकिंग, राजस्व की मोनिटिरिंग एवं कर अपवंचन का मुकाबला करने के लिए सूचना प्रबंधन प्रणाली बनाना।

स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करना

कर कानूनों का अनुपालन करदाता और कर संग्रहक की साझा जिम्मेदारी है। फिर भी, कर प्रणाली तभी कारगर हो सकती है जब यह  व्यवस्थित रूप में निर्धारिती द्वारा कर कानूनों का स्वैच्छिक अनुपालन सुनिश्चत कर सके। स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए, टैरिफ के स्तर प्रक्रिया सरल , उदार होना चाहिए और अनुपालन की लागत का बोझ कम से कम हो। निर्धारिती पर पूर्वव्यापी बोझ को खत्म करने के लिए आकलन होना चाहिए। इसके अलावा, हम आपसी विश्वास पर भरोसा करते है जो ग्राहक और हमारे बीच के संबंध का नीव है।

व्यापार का  विश्वास जीतने और स्वैच्छिक अनुपालन के लिए वातावरण का सृजन के लिए, हम निम्नलिखित उपाय  करेंगे। 

1.       कानूनों और प्रक्रियाओं में परिवर्तन शुरू करने से पहले सम्बन्धित व्यापार हितों और क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ पूर्व परामर्श।

2.       वर्गीकरण और माल के मूल्यांकन और विशिष्ट शुल्क में छूट योजनाओं की प्रयोज्यता के लिए उन्नत  प्रणाली  का होना।

3.       सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क कार्यालयों में मार्गदर्शन इकाइयों की स्थापना द्वारा  व्यापार और कर दाताओं के लिए सेवा की गुणवत्ता में सुधार करना एवं जानकारी प्रदान करना। इस तरह के मार्गदर्शन केन्द्र विशिष्ट हित के मुद्दों पर व्यापार को जानकारी प्रस्तुत करेंगे और कानून, प्रक्रियाओं और विभिन्न छूट योजनाओं के तहत लाभ की स्वीकार्यता के बारे में सामान्य जानकारी भी प्रदान करेंगे।

4.       सेमिनार ' ओपन हाउस ' , प्रचार सामग्री , और सूचना के प्रसार के लिए ऑडियो विजुअल मीडिया का अधिक प्रभावी उपयोग ।

5.       इंटरनेट पर सीबीईसी के लिए एक वेबसाइट बनाकर व्यापार और क्षेत्रीय कार्यालयों के लिए तेजी से अधिसूचनाएं और परिपत्रों की प्रतियां की जानकारी उपलब्ध कराना। इसके अलावा इंटर एक्टिव टेलीफोन मदद लाइन प्रदान कराना।

6.       प्रत्येक सीमा शुल्क स्टेशन और केंद्रीय उत्पाद शुल्क आयुक्तालय में एक स्वतंत्र लोकपाल की स्थापना करके मौजूदा शिकायत निवारण तंत्र का पुनर्गठन करना।

7.       सीमा शुल्क , केंद्रीय उत्पाद शुल्क, आयकर और फॉरेन ट्रेड ( डीजीएफटी ) के प्रयोजनों के लिए अलग व्यापार पहचानकर्ता के स्थान पर एक साझा व्यापार पहचान संख्या विकसित करना।

 

सहकारी कार्य की प्रवृति का विकास करना

सीमाशुल्क

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की सुगमता और नियमन के क्षेत्र में सीमा शुल्क के अलावा कई एजेंसियों को  भूमिका निभानी होती है  हमारा विश्वास है कि  इन एजेंसियों के कॉन्सर्ट और आपसी सहयोग से कार्य करके ही  हम अन्य देशों के साथ कि व्यापार को बढ़ा सकते है।  इसी तरह, सीमा नियंत्रण के क्षेत्र में हम सीमा सुरक्षा बल और तटरक्षक बल की भूमिका को समझते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर  विश्व सीमा शुल्क संगठन और विश्व व्यापार संगठन के साथ सहभागिता से ही हम सीमा शुल्क प्रक्रियाओं और अन्य व्यापार संबंधित नीतियों के साथ व्यापर सामांजस्य ला सकते है जो आज की प्रमुख जरूरत है।  एक अन्य क्षेत्र जहा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में विभिन्न देशों की सहभागिता है। जिसे वाणिज्यिक धोखाधड़ी और तस्करी या नशीले पदार्थों का मुकाबला करना कहा जाता है।

इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए चिन्हित कदम निम्नलिखित हैं :  

1.   एयरलाइंस , नौवहन लाइंस , संरक्षक और अन्य एजेंसियों और संगठनों जो माल निकासी में संलिप्त है के साथ अच्छी और टिकाऊ साझेदारी की स्थापना करना ।

2.   आयात / निर्यात कार्गो की रिहाई में होने वाली देरी को कम करने के लिए विभिन्न एजेंसियों के साथ आपसी विचार विमर्श के माध्यम से न्यूनतम मानक  तैयार करना (जैसे माल घोषणा की दाखिल करने के लिए वाहक, आयातकों के लिए माल के आगमन की पूर्व सूचना , सीमा शुल्क एजेंट द्वारा सामान का धोषणा पत्र दाखिल करना, परीक्षाओं के लिए माल की प्रस्तुति आदि)

3.    कूरियर मोड के माध्यम से निर्यात / आयातित  खेप की निकासी के लिए अलग सुविधाएं स्थापित करने में हवाई अड्डों पर संरक्षक के साथ सहयोग

4.   भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों और अन्य अंतर्देशीय स्थानों को विकसित करने और माल की निकासी के लिए बुनियादी सुविधाओं में सुधार करने के लिए राज्य सरकारों और अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ सहयोग ।

5.   सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क की उगाही, आयात के व्यापार नीति और व्यापार आँकड़े के लिए हार्मनाइज़ प्रणाली के आधार पर एक समान नामकरण का विकास करना।

6.    निर्यात और आयात के व्यापार नीतियों में परिवर्तन शुरू करने या बनाने के लिए वाणिज्य विदेश व्यापार महानिदेशक / वाणिज्यिक मंत्रालय के साथ औपचारिक परामर्शी तंत्र की स्थापना करना।

7.   नैरोबी सम्मेलन का पालन करते हुए अन्य देशों के सीमा शुल्क प्रशासन के साथ आपसी प्रशासनिक सहायता समझौता शुरू करना।

सीमा शुल्क एवं उत्पाद शुल्क प्रकियाओं को कारगर बनाना

1.   व्यापार वर्  ्वारा सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क प्रक्रियाओं को एक बोझिल प्रक्रिया माना जाता  है जिसमे  समय लेने वाली प्रलेखन, जांच और माल का भौतिक सत्यापन , भिन्न भिन्न पद्दति  और व्यक्ति विवेक का उच्च स्तर सम्मलित  होता है, जिसके परिणामस्वरूप व्यापार की निर्बाध आवाजाही में बाधा उत्पन्न होती है  और जो सच्चे आयातकों , निर्यातकों और निर्माताओं के हितों की खिलाफ कार्य करती  है। इस चिंता को ध्यान में रखते  हुए हम प्रक्रिया को सरल बनाने और स्वैच्छिक अनुपालन का वातावरण स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं । दस्तावेजों की इलेक्ट्रॉनिक प्रोसेसिंग की शुरूआत, चयनात्मकता, जोखिम मूल्यांकन एवं कम हस्तक्षेप के आधार पर सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क प्रक्रियाओं की रीइंजीनियरिंग के प्रति हमारा दृष्टिकोण हमारे  परिवर्तन को दर्शाता है।

 2.    हम इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए निम्न उपायों की कल्पना करते हैः-

        सीमा शुल्क

        i.            आयात / निर्यात घोषणाओं और माल की परीक्षा की पूर्व मंजूरी के जांच के दायरे को कम करना।

        ii.           निर्दिष्ट वस्तुओं/ आइडेन्टफाइड आयातकों और निर्यातकों के लिए किसी भी मानवीय हस्तक्षेप के बिना सिस्टम आधारित आकलन शुरू करना।

        iii.          आइडेन्टफाइड आयातकों / निर्यातकों , उद्योग समूहों के लिए लेखा परीक्षा आधारित निकासी व्यवस्था शुरू करना। सीमा शुल्क और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क के संबंध में जहां तक संभव हो पश्च लेखा परीक्षा निकासी को सम्मिलित करना।

        iv.          आइडेन्टफाइड आयातकों / निर्यातकों के हर खेप के लिए व्यक्तिगत घोषणाओं के बजाय आवधिक घोषणाओं को स्वीकार करना ।

        v.           राजस्व हितों को सुरक्षित करते हुए आइडेन्टफाइड निर्धारती के लिए डिफर्ड शुल्क भुगतान की प्रणाली शुरू करना।

        vi.           ' जोखिम मूल्यांकन ' आधारित लक्ष्यीकरण तकनीक का उपयोग प्रभावी ढंग से करके माल की भौतिक परीक्षण को कम करना।

        vii.          पर्याप्त सुरक्षा उपायों के अधीन अधूरे दस्तावेज  रहने पर या सीमा शुल्क कानूनों का उल्लंघन होने पर भी  माल की रिहाई के लिए एक प्रणाली शुरू करना।

        viii.         कंप्यूटरीकृत डेटाबेस का विश्लेषण और  प्रभावी निगरानी द्वारा  अलग-अलग  सीमा शुल्क स्टेशनों पर सीमा शुल्क कानूनों और प्रक्रियाओं के प्रयोजन के विभिन्न प्रथाओं को हटाना।

        ix.           जहां भी संभव हो एकल खिड़की मंजूरी की और अग्रसर होना।

        x.            जहां कहीं आवश्यक हो 24 घंटे या ' विस्तारित समय ' सीमा शुल्क निकासी सुविधा  उपलब्ध कराना।

        xi.           सीमा शुल्क तकनीक पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के प्रावधानों (संशोधित क्योटो कन्वेंशन ) को लागू करना।

        xii.          सभी मौजूदा प्रक्रियाओं की जांच करना और व्यापार सुविधा के साथ असंगत प्रकियाओं को खत्म करना।

        xiii.         बदलने स्थितियों के प्रति संवेदनशील होने के लिए सीमा शुल्क प्रक्रियाओं की लगातार समीक्षा करना।

         केंद्रीय उत्पाद - शुल्क

            1.    मौजूदा सभी केंद्रीय उत्पाद शुल्क प्रक्रियाओं का अध्ययन करना और उन्हे कारगर एवं सरल बनाना ताकि निर्धारिती को स्वेच्छा से इनका अनुपालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकें।

            2.    एक नई और व्यापक केन्द्रीय उत्पाद शुल्क कानून विकसित करना

            3.     इनपुट और पूंजीगत वस्तुओं के लिए एकीकृत अशोधित मूल्य वर्धित कर नियम अपनाना।

            4.    निर्धारिती द्वारा शुल्क की आवधिक भुगतान करने की प्रणाली की ओर अग्रसर होना।

            5.    चयनात्मक लेखा परीक्षा के द्वारा भौतिक जांच करने की प्रथा को बदलना।

            6.    वैधानिक रिकॉर्ड के स्थान पर कंपनी अधिनियम के तहत रखे जाने वाले रिकॉर्ड को केन्द्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम को लागू करने के प्रयोज्य स्वीकार करना।

            7.     निर्माताओं और निर्यातकों के लिए रिफंड और छूट की सरलीकृत योजना विकसित करना।

            8.    कंप्यूटरीकृत डेटाबेस का विश्लेषण और  प्रभावी निगरानी द्वारा  अलग-अलग कार्यालयों में व्यापत विभिन्न  उत्पाद शुल्क कानूनों और प्रक्रियाओं के प्रयोजन्यता संबंधी विभिन्न प्रथाओं को हटाना।

            9.    बदलती स्थितियों के प्रति संवेदनशील होने के लिए उत्पाद शुल्क प्रक्रियाओं की लगातार समीक्षा करना।

केन्द्रीय उत्पाद शुल्क

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में घरेलू उद्योग के साथ संबंध रखने वाली  विभिन्न एजेंसियों  और व्यापार के बीच सहयोग, व्यापार पद्धति का प्रभावी निगरानी एवं  व्यापार सुगमता  की एक स्पष्ट जरूरत है। आयकर विभाग , बिक्री कर विभाग , स्थानीय चुंगी अधिकारियों , पुलिस और उद्योग उत्पाद शुल्क विभाग के लिए उपयोगी जानकारी मुहैया कराते है. इस जानकारी को दस्तावेज और डेटाबेस के दोहराव का मुकाबला करने के लिए प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है । विभिन्न कर कानूनों की आवश्यकताओं और व्यापार और उद्योग द्वारा विभिन्न एजेंसियों की रिपोर्टिंग करने के  बोझ को कम करने के लिए एकसमान दस्तावेज विकसित किया जा सकता है। 

इस दिशा में लिए जाने वाले चिन्हित कदम निम्नलिखित है।

    1.       अन्य टैक्स एकत्रित विभागों के आपसी साझेदारी करना

    2.       अन्य विधिक प्रवर्तन एजेंसियों के साथ आपसी प्रशासनिक साझेदारी शुरू करना ।

    3.       एकसमान व्यापार पहचान संख्या का उपयोग करके अन्य विधिक एजेंसियों के साथ वाणिज्यिक डेटा विनिमय तंत्र की स्थापना करना  

    4.       विभिन्न व्यापार संबंधी कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए  एकसमान प्रलेखन प्रणाली का विकास करना।

 

टैरिफ नीतियां तैयार करने में सहायता करना

1991 से, आयात टैरिफ और उत्पाद शुल्क के स्तर को कम करने और शुल्क दरों के फैलाव को कम करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे है। छूट योजनाओं को भी काफी युक्तिसंगत बनाया गया है। यह एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है जो सरकार को टैरिफ / शुल्क एवं अन्य

रियायतों के बारे में अच्छी तरह से विचार करके निर्णय लने में सक्षम बनाएगी। यह प्रस्तावित है कि :

1.     अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं (डब्ल्यूटीओ बाइंडिंग, यदि कोई है तो ) और घरेलू उत्पादन पर उनके प्रभाव को ध्यान में रखते हुए , आयात शुल्क और उत्पाद शुल्क दरों की लगातार समीक्षा करना।

2.     घरेलू उद्योग का प्रतिस्पर्धी स्तर बढ़ाने हेतु रक्षोपाय शुल्क, एंटी डंपिंग शुल्क, आदि लगाने के लिए विशिष्ट क्षेत्रीय / वस्तु अध्ययन करना। 

 

प्रभावी ढंग से राजस्व चोरी , वाणिज्यिक धोखाधड़ी और सामाजिक बुराई का मुकाबला

व्यापार उदारीकरण और शुल्कों में कमी के बावजूद, अधोमूल्यन के माध्यम से शुल्क चोरी, गलत बयानी, शुल्क छूट योजनाओं का गलत प्रयोग और नशीले पदार्थों की तस्करी सहित कानूनों का उल्लंघन जैसी समस्याओं का हल ढ़ूंढ़ना होगा। रूपये पैसे का फायदा उठाकर कानून को

दरकिनार कर आर्थिक अपराधियों को बढ़ावा देने वाली की संख्या में भी पर्याप्त बृद्दि दर्ज हो रही है तस्करी करने की कार्य प्रणाली में भी  बदलते आर्थिक परिदृश्य और ऑपरेटरों की बढ़ती चालाकी के साथ महत्वपूर्ण बदलाव आया है

    सीमा शुल्क
    1. आसूचना प्रणाली और उभरती प्रौद्योगिकियों का बेहतर उपयोग करना:

        -   जानकारी के सूत्  और विश्लेषण पर पुनः फोकस करना।

        -    तस्करी और जोखिम ग्रस्त वस्तुओं से होने वाले खतरे का सामरिक आकलन में बढ़ोतरी करना।

        -   सभी व्यवसायों में केंद्रीय और स्थानीय जोखिम आकलन के बीच संतुलन में सुधार लाना। 

        -   आसूचन , जांच और प्रवर्तन गतिविधियों पर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ संबंध विकसित करके उसे बनाए रखना।

        -   संसाधनों और जोखिम के बीच एक बेहतर संतुलन सुनिश्चित करने के लिए एक नया जोखिम मूल्यांकन प्रणाली विकसित करना ।

    2. वाणिज्यिक धोखाधड़ी से निपटने में अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए राजस्व आसूचना महानिदेशालय को मजबूत बनाना ।

    3. मूल्यांकन निदेशालय को मजबूत बनान  ाकि वे मूल्य रुझानों, अधोमूल्यांकन उन्मुख वस्तुओं , संदिग्ध आयात,  मूल्यांकन धोखाधड़ी से संबंधित  

   कार्यप्रणाली पर क्षेत्रीय कार्यालय को जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान करने में सक्षम बन सके।

 

    केन्द्रीय उत्पाद शुल्क

    1.   लेखा परीक्षा सेट-अप मजबूत करने के लिए लेखा परीक्षा का एक महानिदेशालय बनाना।

    2.   आधुनिक लेखा परीक्षा तकनीक का उपयोग कंप्यूटर असिस्टेड लेखा परीक्षा कार्यक्रम (CAAP) के साथ करके एक पेशेवर लेखा परीक्षा कार्यक्रम का विकास जोखिम विश्लेषण के आधार पर करना।

    3.    सेवा कर के प्रशासन के लिए एक लेखा परीक्षा कार्यक्रम का विकास करना।

    4.  उच्च जोखिम ' और 'कम जोखिम' क्षेत्रों को लक्षित करते हु  कर अनुपालन हेतु एक विस्तृत और प्रभावी डेटाबेस बनाना। 

    5.  अपवंचन रोध महानिदेशालय को मजबूत बनाना ताकि वाणिज्यिक धोखाधड़ी से निपटने की क्षमता में बढ़ोतरी हो।

    6.  प्रभावी ढंग से पेशेवर चार्टर्ड अकाउंटेंट और कॉस्ट अकाउंटेंट की सेवाओं का उपयोग करके अशोधित मूल्य वर्धित कर प्रणाली और मूल्यांकन

        धोखाधड़ी का मुकाबला करना।

सेवा प्रदान करने के मानकों के अनुरूपता मापना

व्यापार के उदारीकरण के संदर्भ में, सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क प्रशासनों की सेवा वितरण स्तर को लगातार सुधारना होगा। तदनुसार पहले कारोबारी समुदाय की सेवा की डिलीवरी के लिए मानकों को विकसित करने का प्रस्ताव है उसके बाद  जवाबदेही के दायरे  में लाने के लिए प्रशासन के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाएगा। सेवा डिलीवरी के स्तर में सुधार करने के लिए,  हमारे  मन में निम्नलिखित उपाय है:

1.   सेवा के मानक स्थापित करने के लिए नागरिक चार्टर का प्रकाशन 

2.   विभिन्न बंदरगाहों , हवाई अड्डों और अन्य सीमावर्ती स्टेशनों पर सीमा शुल्क के माध्यम से सार्वजनिक यात्रा की संतुष्टि के स्तर का सर्वेक्षण करना , और व्यापार, उद्योग, माल निर्माण और निकासी में शामिल व्यक्तियों की संतुष्टि के स्तर का सर्वेक्षण करना और  सेवा में सुधार के लिए संस्थागत उपाय करना।

3.   मानकों के अनुरूपता के आधार पर आकलन करना और व्यापार समुदाय की जानकारी के लिए समय - समय पर रिपोर्ट प्रकाशित करना

विकासशील व्यावसायिकता और जिम्मेदारी

किसी भी प्रणाली तब तक  सही रूप मे कार्य कर सकती है जब तक उसके पीछे इंसान है हमारे लक्ष्य को हासिल करके की महत्वपूर्व कड़ी हमारे कर्मचारी है जो अपना सर्वश्रेष्ठ देने प्रेरित है।  हमारा विश्वास है कि केवल सीमाशुल्क एवं उत्पाद शुल्क प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण अधिकारियों के लिए काफी नही है, उनमें सकारात्मक रवैया, सहानुभूति और एक जिम्मेदार सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने की सहज भावना भरी हुई होनी चाहिए।

हम हमारे दृष्टिकोण में अधिक से अधिक व्यावसायिकता लाने एवं कार्य बल की दक्षता और प्रभाव को बढ़ानें के लिए निम्न उपायों की परिकल्पना करते है।

    1.  अधिकारियों के व्यावसायिकता , कौशल और तकनीकी ज्ञान की जानकारी को बढ़ाना ताकि उनके साथ काम कर रहे लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके।

    2.  सभी पर्यवेक्षी और प्रबंधकीय स्तर के अधिकारियों को प्रबंधन तकनीकों, ंतर - व्यक्तिगत संबंधों, संचार कौशल, संहोम्ष समाधान, तनाव प्रबंधन, व्यवहार निर्माण और संकट प्रबंधन के लिए गुणवत्ता प्रशिक्षण प्रदान करना। 

    3.  सेवा के भीतर ईमानदारी और पेशेवर मानकों का उच्चतम स्तर सुनिश्चित करना।