प्रशासनिक ढांचा
आयुक्तालय निम्नलिखित पदानुक्रम के साथ मुख्य आयुक्त, सीमाशुल्क, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क और सेवाकर, उत्तर पूर्व क्षेत्र, गुवाहाटी के क्षेत्राधिकार में है।
प्रधान आयुक्त / आयुक्त - विभागाध्यक्ष
अपर/संयुक्त आयुक्त - मंडल कार्यालयों के प्रशासनिक प्रमुख
उप/सहायक आयुक्त - मंडल प्रमुख
अधीक्षक - रेंज अधिकारी
निरीक्षक - सेक्टर अधिकारी
आयुक्तालय के क्षेत्राधिकार को 4 मंडल कार्यालयों में बांटा गया है। एक मंडल का क्षेत्र मुख्य रूप से करदाताओं की घनत्व पर निर्भर करता है। प्रत्येक डिवीजन की अध्यक्षता एक उप/सहायक आयुक्त द्वारा की जाती है और विभागीय कार्यालय में मंत्रिस्तरीय कर्मचारियों और एक प्रशासनिक अधिकारी के अलावा अधीक्षक और निरीक्षकों द्वारा सहायता की जाती है।
मंडल कार्यालय के क्षेत्राधिकार को पुनः रेंजों में विभक्त किया गया है। रेंज का क्षेत्राधिकार विभन्न धटकों द्वारा नियंत्रित होता है, जो मंडल कार्यालय के क्षेत्राधिकार को भी नियंत्रित करता है। प्रत्येक रेंज का प्रमुख एक अधीक्षक होता है जिसे 'रेंज अधिकारी' के रूप में पदनामित किया गया है। रेंज अधिकारी के अधीन निरीक्षक होता है, जो उन्हें अपने कर्तव्यों को निर्वहन में सहायता करते हैं।
प्रत्येक मंडल कार्यालय अपर/संयुक्त आयुक्त के पर्यवेक्षी नियंत्रण में होता है।
अपर/संयुक्त आयुक्त (का.व.स) कार्मिक एवं सतर्कता मामलों के प्रभारी होते है । अपर/संयुक्त आयुक्त (समीक्षा) विभिन्न मूल और अपीलीय प्राधिकारियों द्वारा पारित की गई न्यायनिर्णयन आदेशों की समीक्षा तथा अवैधानिक और अनुचित आदेश के खिलाफ आगे अपील दाखिल करने के लिए उत्तरदायी होते है।
एक सीजीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क आयुक्तालय का प्राथमिक कार्य जीएसटी, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम और इन अधिनियमों और भारत की संसद के अन्य संबद्ध अधिनियमों के तहत बनाए गए नियमों को लागू करना है, जिसके तहत जीएसटी, केंद्रीय का कर्तव्य उत्पाद शुल्क या अन्य ऐसे कर्तव्यों / कर जो लगाए जाते हैं और एकत्रित किए जाते हैं। कर्तव्यों को निर्वहन के लिए, आयुक्तालय को 'प्रशासनिक ढांचा' शीर्षक के तहत समझाया गया है जो कि विभिन्न शाखाओं और क्षेत्र संरचनाओं में बांटा गया है।
'रेंज कार्यालय' ही करदाता और विभाग के बीच सम्पर्क का प्रथम कार्यालय है । रेंज अधिकारियों के दल के कार्य को मंडल कार्यालय के अधिकारी द्वारा पर्यवेक्षित किया जाता है, और उस अधिकारी का ओहदा उपायुक्त या सहायक आयुक्त का होता है। मंडल कार्यलयों के कार्य का पर्यवेक्षण आयुक्त द्वारा अपर आयुक्त/संयुक्त आयुक्त/ उपायुक्त/सहायक आयुक्त एवं अन्य अधीनस्थ अधिकारियों की मदद से किया जाता है।